शुक्रवार, 10 मार्च 2017

704 . सरस्वती ---- दैतय दमनि हंसगमनि काम पालिते।।१।।


                                    ७०४
                                सरस्वती
दैतय दमनि हंसगमनि काम पालिते।।१।।
मन्द हसनि श्वेत वसनि शुक्ल मालिके। 
रुचिर चिकुर चमक चटुल , मधुकरालिके।
कुरव हरणि कुमति तरणि , देवि पालिके। 
इन्द्र शरणि भक्त भरणि , वीण वादिके।।
दिअओ दरश परश पदक , विघ्नहारिके। 
सकल भूप रूप मनक , मोहकारिके।।
यदुनाथ मिश्र ( मैथिली नाटकक उदभव आ विकाश )

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