गुरुवार, 29 दिसंबर 2016

647 . तों हीं गौरी तों हीं वाणी तों हीं रमा महारानी।


                                      ६४७ 
                                  श्रीश्यामा 
तों हीं गौरी तों हीं वाणी तों हीं रमा महारानी। 
पूजा पटल एक न जानी करम दोषे पतित प्रानी।।
तों हीं पुरुष तों हीं नारी तों हीं थावर जंगम चारी। 
तों हीं अनल तों हीं वारी तों हीं पवन धरणि धारी।।
हमर दूषण क्षमा करब भगति भावे ह्रदय भरब। 
भक्तक सकल संकट हरब संसार सागर तैं हम तरब!!
करह दया देवी श्यामा कुशल राखह सबहि ठामा। 
दुर्जन मण्डलि करह क्षमा गोचर करथि चन्दा नामा।।
                               ( चन्द्र रचनावली )

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