शुक्रवार, 15 मई 2015

484 . मेरी भूलों से माँ

४८४ 
मेरी भूलों से माँ 
पाता हूँ मैं दुःख 
यह है मेरी भूल 
तेरी क्या भूल नहीं ?
जो मैं करता भूल 
जब माँ तूँ है मेरी 
तो क्यों पाता ह्रदय शूल ?
कर माफ़ मेरी हर भूल !

सुधीर कुमार ' सवेरा '

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