रविवार, 26 अप्रैल 2015

460 . हर मन के मंदिर में

४६० 
हर मन के मंदिर में 
माँ हो तेरी ही आरती 
पवित्र माँ जीवन यह करो 
ऐसा सुख पल में भर दो 
परमार्थ में मन मेरा लगे 
ऐसा मन मस्तिष्क मेरा करो 
पशुओं सा मन यह मेरा 
भोग पीछे सदा भागे नहीं 
ऐसी धारणा दिल में भर दो !

सुधीर कुमार ' सवेरा ' 

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