मंगलवार, 21 अप्रैल 2015

455 . जागती रही शायद माया

४५५ 
जागती रही शायद माया 
कर न सका 
आज तक भी 
मैं जिसका खात्मा 
अब आपका कैसे 
मैं करूँ उपकार 
कौन भला करेगा 
अब आपका उद्धार ?

सुधीर कुमार ' सवेरा ' 

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