मंगलवार, 7 अप्रैल 2015

434 . माँ काली तूँ जगत जननी

४३४ 
माँ काली तूँ जगत जननी 
चरणों में ध्यान धराया कर 
मन को मेरे शुद्ध कर 
भक्ति भाव तूँ जगाया कर 
अपने अभिव्यक्त इस चराचर से 
मेरा स्नेह तूँ बढ़ाया कर 
कण कण में तुझको देखूं 
ऐसा विश्वास तूँ जगाया कर 
नश्वर तन मन से माँ 
अपनी सेवा तूँ कराया कर 
आत्मा की अमर ज्योति में 
अपना रूप तूँ दिखाया कर !

सुधीर कुमार ' सवेरा '
२४ - १२ - १९८६ 

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