सोमवार, 23 मार्च 2015

422 . मैं जानता हूँ मेरा ' काम '

४२२ 
मैं जानता हूँ मेरा ' काम '
आजकल करता है मुझे परेशान 
खुद अपने ऊपर हूँ बड़ा हैरान 
समझ नहीं आता कैसे करूँ अपना कल्याण 
ऐ माँ मुझे अपने आँचल में छुपा ले 
इस ' काम ' से बचा ले 
तेरे सिवा और मेरा कोई नहीं 
मैं हूँ ' काम ' का मारा 
ये मुझे हर पल है सताता 
' माँ ' मुझे इससे दिला छुटकारा 
' काम ' को कर भस्म 
करो मुझ पर माँ तुम रहम 
बस इतनी सी है मेरी प्रार्थना !

सुधीर कुमार ' सवेरा ' 

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