सोमवार, 16 मार्च 2015

416 .लखन देखना चाहते नगर को

४१६ 
लखन देखना चाहते नगर को 
संकोचवश कहते नहीं आपको 
यदि आपकी आज्ञा पाऊं 
अनुज को नगर घुमा लाऊँ !

सुधीर कुमार ' सवेरा ''

कोई टिप्पणी नहीं: