रविवार, 8 मार्च 2015

412 .सोंचता हुआ पल

४१२ 
सोंचता हुआ पल 
गुजरता चला जाता है 
खोयी हुई यादों से 
भला कौन निकल पाता है !

सुधीर कुमार ' सवेरा '

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