शनिवार, 7 फ़रवरी 2015

391 . सता ले मुझको जी भर

३९१ 
सता ले मुझको जी भर 
यही दया है तेरी मुझ पर 
मैं अकिंचन दया का पात्र 
तेरे करुणा का न बन सका पात्र 
मैं जब था प्यार का भूखा 
पाया तुझसे दुत्तकार और फटकार 
मैं क्या मांगू तुझ से वर 
दे - दे मुझको दे सके जितना कष्ट !

सुधीर कुमार ' सवेरा ' ०२ - ०९ - १९८२ 

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