सोमवार, 15 दिसंबर 2014

359 .घर में आया

३५९ 
घर में आया 
लाल रंग का सोफ़ा 
किसी ने समझा उधार का 
किसी ने समझा मारे हुए माल का 
और समझा इसे किसी ने  
दहेज़ का तोहफा 
आया जो हमारे घर एक सोफ़ा 
हर्ष में डूबा हम सब का मन 
रंगत बदला घर का 
हाल वही है हमारे जेब का 
लोगों ने समझा ना जाने क्या - क्या 
सर उठा के आते थे 
कभी जो तगादा करने 
आज गुजरते हैं दर से 
अपने नजरों को चुरा के 
बहुत एहसानमंद है दिल मेरा 
कबूल कर ऊपर वाले का ये तोहफा 
आया हमारे घर में एक सोफ़ा !

सुधीर कुमार ' सवेरा ' ०६ - १० - १९८४ 
१२ - ४० pm 

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