सोमवार, 29 सितंबर 2014

300.नजरें मिला - मिला कर नजर बदल लिया

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नजरें मिला - मिला कर नजर बदल लिया ,
इस बात से क्या शिकवा करूँ ,
ज़माने की फितरत ही कुछ ऐसी है ,
प्यार को प्यार वफ़ा को वफ़ा यहाँ मिलती नहीं है !

सुधीर कुमार ' सवेरा '

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