गुरुवार, 9 मई 2013

249 . बेवफाई के यादों


२ ४ ९ .

बेवफाई के यादों 
मेरे पास न आओ 
पल दो पल ठहर गया हूँ 
आराम की साँस लेने को 
मुझे आकर इतना ना सताओ 
दर्द दिल में है 
ओठों पे हूँ मुस्कान लिए 
पर कैसे मैं जिऊंगा 
बेवफाई के यादों के सहारे 
गम का मारा ऐसे ही पागल हूँ 
मुझे और पागल न बनाओ 
बेघर तूने कर दिया मुझे 
इस तरह दो राहे पे ला के 
नई राह भी न दिखाई एक आवाज दे के 
पहले ही ठोकर से 
मैं संभल नहीं पा रहा हूँ 
मुझे और न गिराओ 
पल दो पल ठहर गया हूँ 
आराम की साँस लेने को 
बेवफाई के यादों 
मुझे आकर इतना ना सताओ 
हर राह सुनी , हर पल सुना 
प्यार की हर साँस सुनी 
चेहरे से नकाब हंटा ऐ चाँद 
तेरे बिना तारों की यह बारात सुनी !

सुधीर कुमार ' सवेरा ' ३ १ - ० ३ - १ ९ ८ ४  
समस्तीपुर १ २ - ३ ० pm 

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