शुक्रवार, 30 नवंबर 2012

186 . ऐ हमसफ़र


186 .

ऐ हमसफ़र 
छोड़ दे साथ मेरा 
मैं तो डूब रहा हूँ 
कल को क्या होगा तेरा ?
बुझा हुआ चिराग हूँ 
जलाने की कोशिश न कर 
तेल भी ख़त्म हो चुकी है 
कूँआ खोदने की कोशिश न कर !

सुधीर कुमार ' सवेरा '  09-02-1980
चित्र गूगल के सौजन्य से  

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