बुधवार, 14 नवंबर 2012

174 . मैं बहुत सहता हूँ

174 . 

मैं बहुत सहता हूँ 
तुझसे डरता हूँ 
ना जाने क्यों 
तुम मुझसे प्यार करती हो या नहीं 
मैं जानता नहीं 
पर मैं तुझसे बेहद प्यार करता हूँ 
ना जाने क्यों 
मेरे तम तीमिर दूर हो जाते हैं 
याद तुम्हारी आने से 
तुम हो मेरी ऐसा ही समझता हूँ 
ना जाने क्यों 
क्या मैं तुम्हे कभी याद आता हूँ ?
मैं भी तुम्हे अच्छा लगता हूँ 
मैं हरदम तेरे याद में रहता हूँ 
ना जाने क्यों ?

सुधीर कुमार ' सवेरा '   04-03-1980
चित्र गूगल के सौजन्य से  

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