गुरुवार, 30 अगस्त 2012

139 . मधुबन गाये गीत रसीले

139 . 

मधुबन गाये गीत रसीले 
झरने देते संगीत सुरीले 
मैं पागल प्यार में तेरे 
जाम बनाते तेरे नयन नशीले 
कोयल देती जब कूक 
तो दिल में उठते हूक 
प्यासे पंछी की तरह 
देखूँ अपलक तेरे नूर 
मधुबन गाते 
वर्षा के बूँदों में 
हो जायें मिलकर दोनों एक 
चारों तरफ छायी हरियाली 
देखो मौसम ये 
कैसी है रंग लायी 
हम दोनों दो मतवाले 
हमको देखे ये दुनियाँ वाले 
प्यार किसे कहते हैं 
जानेंगे तब ये दीवाने 
सब कुछ मिट सकता 
पर प्यार नहीं मिटता 
जिन्दा रहती है तब तक 
चाँद सितारे रहेंगे जब तक 
सब को सब कुछ मिल जाये 
हमें बस तेरा प्यार मिले 
मधुबन गाये गीत रसीले 
दुनियाँ की परवाह नहीं
बस दिल में तेरी चाह है 
दिन से लेकर रैन बीते 
बस मन में तेरी ही प्यास है 
प्यास बुझायें तेरे ओंठ रसीले 
दिल में यही बात है 
तूँ मुझ में मैं तुझ में 
जग से होकर दूर 
छोड़ कर सारे जग को 
एक हो चलेंगे सब कुछ भूल 
आहटें थम जायेंगी 
खिलेंगे बागों में प्रीति फूल 
मधुबन गाये गीत रसीले 
तुम तो ऐसी हो रूपसी 
फीकी है पूनम की चाँदनी 
देख तुझे चाँद भी शरमा जाये 
तुम हो ही ऐसी प्रेयसी 
मैं देखूं तुझको अपलक 
मेरे मन बस यही ख्याल आये 
मधुबन गाये गीत रसीले 
तूँ जब मेरे पास न होती 
दिल को मेरे चैन न आती 
तेरे गोरे बदन से 
चन्दन की खुसबू आती 
ओ मेरे जीवन साथी 
मेरे प्राण हैं तुझ में बसते 
तेरे बिना न अपनी कहानी 
तेरे बिना न ये जिंदगानी
मैं तेरा दीवाना बना 
बन गयी तूँ मेरी दीवानी 
जन्म - जन्म  का साथ रहा है 
मैं तेरा राजा बना हूँ 
तूँ बनी है मेरी रानी 
मधुबन गाये गीत रसीले !

सुधीर कुमार ' सवेरा '  01-06-1980 
चित्र गूगल के सौजन्य से      

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