मंगलवार, 3 अप्रैल 2012

63. अम्मा मेरी महान है !


६३. 
अम्मा मेरी महान है 
मुझको बड़ा अभिमान है 
उसकी बड़ी आन है 
उसकी बड़ी शान है 
अम्मा मेरी महान है 
निज जीवन भी मेरा 
शत बार बलिदान है 
आकाश से भी ऊँची 
सागर से भी गहरी 
धरती से भी अधिक 
अम्मा मेरी महान है 
सब जन्मों में पाऊं 
तुझ से ही माँ का प्यार 
बस ये ही है इक अरमान 
अम्मा मेरी विन्ध्याचल वासनी 
पिता साक्षात् कैलाश हैं 
जन्म मेरा सार्थक है 
अम्मा धैर्य की मूर्ति 
पिता ज्ञान के सागर हैं 
दोनों को मेरा शत - शत नमन है 
दोनों मेरे लिए यहाँ इश्वर से भी महान हैं !


सुधीर कुमार ' सवेरा '  ०३- ०८- १९८४ .
  
    

 

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